सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद NEET-UG परीक्षा के 1563 परीक्षार्थियों के लिए दोबारा टेस्ट कराया गया था जिसका रिजल्ट आ गया है. NTA की ओर से बताया गया है कि 1563 में से 813 अभ्यर्थियों ने इस टेस्ट का विकल्प चुना था.
23 जून को देश के 6 शहरों के अलग-अलग एग्जाम सेंटर्स पर परीक्षा कराई गई थी. 28 जून को छात्रों को उनकी OMR शीट दिखाई गई और आंसर शीट को चुनौती देने का मौका भी दिया गया. 30 जून को फाइनल आंसर शीट तैयार हुई जिसके बाद 1 जुलाई को परीक्षाफल जारी कर दिया गया है.
क्यों कराया गया NEET Re Test?
दरअसल NEET-UG परीक्षा में ऐसा पहली बार हुआ जब 67 छात्र एक साथ टॉप कर गए. सभी को 720 में से 720 अंक और रैंक 1 मिला. इस रिजल्ट के बाद NTA पर भी सवाल उठाए गए. NTA ने जवाब भी दिया. एजेंसी ने कहा कि ऐसा ग्रेस मार्क्स देने के कारण हुआ है. क्योंकि कुछ एग्जाम सेंटर्स पर ‘लॉस ऑफ टाइम’ रिपोर्ट की गई थी. यानी परीक्षा देर से शुरू हुई थी.
कुल 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. टॉप 67 में 44 छात्र ऐसे थे जिन्हें ग्रेस मार्क्स मिला था. मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. NTA ने कोर्ट में कहा कि वो ग्रेस मार्क्स रद्द करके इन छात्रों का री-एग्जाम 23 जून को आयोजित करवाएंगे. जो अभ्यर्थी अपने पुराने स्कोर के साथ ही आगे बढ़ना चाहते हैं वो ऐसा कर सकते हैं. लेकिन उनके स्कोर कार्ड से ग्रेस मार्क्स हटा दिए जाएंगे.
8 जुलाई को Supreme Court में सुनवाई
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ कई हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं. NTA ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सभी मामलों को हाई कोर्ट से ट्रांसफर किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस बारे में नोटिस जारी की जाए और सिमिलर केसेज के साथ टैग किया जाए. कोर्ट इस पर 8 जुलाई को सुनवाई करेगा.
इसके अलावा NEET से जुड़ा एक और मामला चल रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, कई राज्यों में NEET के क्वेश्चन पेपर लीक हो गए. बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और CBI ने इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तार की है